
परिचय
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मानवता हमेशा से लम्बी और स्वस्थ उम्र की खोज में रही है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एंटी-एजिंग “ड्रग कॉकटेल” खोजा है, जिसने चूहों की उम्र लगभग 30% तक बढ़ा दी। यह खोज उम्र बढ़ाने वाले उपचारों के क्षेत्र में क्रांतिकारी मानी जा रही है। आइए समझते हैं क्या है यह अध्ययन, कैसे काम करता है और भविष्य में इसका हमारे लिए क्या अर्थ हो सकता है।
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अध्ययन की मुख्य बातें
यह शोध अमेरिका में Interventions Testing Program (ITP) के तहत किया गया।
इसमें तीन दवाओं को मिलाकर चूहों को दी गईं:
1. Rapamycin – mTOR pathway को inhibit कर सेल एजिंग धीमा करती है।
2. Acarbose – शुगर मेटाबॉलिज्म को संतुलित करती है और ब्लड शुगर स्पाइक्स कम करती है।
3. 17-α-estradiol (E2) – हार्मोन आधारित कंपाउंड जो male mice में उम्र बढ़ाने में मदद करता है।
जब इन तीनों दवाओं को एक साथ दिया गया, तो परिणाम बेहद चौंकाने वाले थे:
30% ज्यादा औसत lifespan
स्वास्थ्यspan में सुधार (कम सूजन, बेहतर मेटाबॉलिज्म)
उम्र बढ़ने के संकेतों में कमी (जैसे मोटापा, शुगर स्तर)
स्रोत: Times of India Science Report, जुलाई 2025
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कैसे काम करता है यह ड्रग कॉकटेल?
1. Rapamycin
mTOR pathway को ब्लॉक करता है।
यह pathway aging और cell growth को regulate करता है।
पहले के अध्ययन में Rapamycin अकेले भी lifespan बढ़ा चुका है, लेकिन side-effects (immune suppression) भी पाए गए हैं।
2. Acarbose
carbohydrate digestion को slow करता है।
blood sugar spikes को कम कर metabolic stress घटाता है।
3. 17-α-estradiol
एक estrogen का variant, मुख्यतः male mice में longevity बढ़ाने में सहायक पाया गया।
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मानवों के लिए क्या मायने हैं?
तीनों दवाएं पहले से ही इंसानों में अन्य बीमारियों के इलाज के लिए approved हैं।
यह इसे “drug repurposing” का एक शानदार उदाहरण बनाता है, यानी पहले से मौजूद दवाओं को नए उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करना।
मानवों में lifespan बढ़ाने के लिए clinical trials की ज़रूरत होगी।
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सावधानियाँ
चूहों और इंसानों के metabolism में बड़ा अंतर है।
Rapamycin जैसे drugs immune suppression कर सकते हैं।
लंबे समय तक उपयोग के प्रभाव अज्ञात हैं।
बिना चिकित्सकीय निगरानी इसे आजमाना खतरनाक हो सकता है।
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भविष्य की संभावनाएँ
यदि यह cocktail मानवों पर भी सुरक्षित और प्रभावी पाया गया, तो यह anti-aging चिकित्सा का एक बड़ा मील का पत्थर हो सकता है।
आने वाले 10–15 साल में ऐसे multi-drug interventions से healthspan (स्वस्थ जीवन की अवधि) को बढ़ाना संभव हो सकता है।
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निष्कर्ष
यह शोध उम्मीद जगाता है कि उम्र बढ़ाना सिर्फ एक सपना नहीं बल्कि वैज्ञानिक लक्ष्य बनता जा रहा है। हालांकि, यह समझना जरूरी है कि यह तकनीक अभी प्रयोगशाला के स्तर पर है। मानव पर इसका असर जानने के लिए और विस्तृत क्लिनिकल परीक्षण आवश्यक हैं। लेकिन दोस्तो इस अध्ययन ने इंसानों को एक नई उम्मीद जरूर दे दी है।