
🍟 समोसा-जलेबी पर भी चेतावनी! FSSAI का बड़ा कदम — अब जंक फूड पर लगेगा ‘स्वास्थ्य के लिए हानिकारक’ का बोर्ड
FreshKhabrein ब्यूरो, जुलाई 2025: क्या आपने कभी सोचा है कि जिस समोसे को आप चाय के साथ बड़े चाव से खाते हैं, वही आपकी सेहत के लिए सिगरेट जितना खतरनाक हो सकता है? अब FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) ने इस पर मुहर लगा दी है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe! \📢 क्या है FSSAI का नया निर्देश?
FSSAI ने देशभर के सार्वजनिक स्थलों, स्कूल-कॉलेज कैंटीन, कैफेटेरिया और फूड कॉर्नर पर बिकने वाले जंक फूड आइटम्स पर चेतावनी बोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया है। इनमें 14 प्रमुख खाद्य पदार्थ शामिल हैं — जिनमें समोसा, जलेबी, गुलाब जामुन, कचौड़ी, बर्फी, बर्गर, पिज्जा और अन्य स्नैक आइटम्स शामिल हैं।
ये चेतावनी बोर्ड ठीक उसी तरह लगाए जाएंगे जैसे सिगरेट के पैकेटों पर “धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है” लिखा होता है। बोर्ड पर स्पष्ट लिखा जाएगा:
“High Sugar | High Oil – अत्यधिक सेवन से मोटापा, हृदय रोग, डायबिटीज़ और कैंसर का खतरा”
📌 किन फूड्स पर लगेगा ये बोर्ड?
- तेल आधारित स्नैक्स: समोसा, कचौड़ी, फ्राईड स्नैक्स, बर्गर, पिज्जा, चिप्स
- शुगर रिच डेज़र्ट्स: जलेबी, गुलाब जामुन, रसगुल्ला, बर्फी, आइसक्रीम, मिठाइयाँ
🎙️ क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
AIIMS नागपुर के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमर अमले कहते हैं: “शरीर पर ट्रांस फैट का असर उतना ही गंभीर है जितना सिगरेट का निकोटीन। ये फैट्स धमनियों को जाम करते हैं और दिल की बीमारियों की जड़ बनते हैं।”
डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ. सुनील गुप्ता कहते हैं: “यह कदम रोक लगाने के लिए नहीं है, बल्कि जनता को सच्चाई से अवगत कराने के लिए है।”
🧠 क्यों जरूरी है ये कदम?
- भारत में हर तीसरा व्यक्ति या तो डायबिटिक है या प्रीडायबिटिक
- मोटापे के मामले 2023 से 2025 के बीच 12% बढ़े
- WHO की गाइडलाइन के अनुसार एक व्यक्ति को दिन में 25 ग्राम से अधिक चीनी नहीं लेनी चाहिए — जबकि एक गुलाब जामुन में ही 35g शुगर होती है!
✅ पाठकों के लिए सलाह
- जंक फूड का सेवन सीमित करें — हफ्ते में 1–2 बार से अधिक नहीं
- घर का बना खाना, फल और फाइबर युक्त भोजन को प्राथमिकता दें
- बच्चों को कम उम्र से ही हेल्दी फूड की आदत डालें
- कैफेटेरिया, ऑफिस और स्कूलों में चेतावनी बोर्ड अनिवार्य रूप से लगवाएं
निष्कर्ष: समोसा या जलेबी कोई अपराध नहीं हैं, लेकिन अनियंत्रित मात्रा में सेवन एक धीमा जहर बन सकता है। FSSAI की यह पहल जन-जागरूकता और बीमारियों की रोकथाम की दिशा में बेहद ज़रूरी और स्वागत योग्य है।
👉 ऐसी ही जरूरी खबरों के लिए जुड़े रहिए FreshKhabrein.com के साथ।