
📍 लोनी (गाजियाबाद), संवाददाता | 25 जुलाई 2025
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!“कभी-कभी एक लाइक या कमेंट ज़िंदगी का आखिरी भी साबित हो सकता है।”
गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। इंस्टाग्राम पर महिला मित्र की तस्वीर पर टिप्पणी करने के लिए एक 17 साल के युवक को इतनी भारी कीमत चुकानी पड़ी कि उसके तीन दोस्तों ने पहले उसे छोले-भटूरे खिलाए और फिर जंगल में ले जाकर निर्दयता से चाकू से हमला किया, और उसका कत्ल कर दिया।पुलिस ने तहरीर के आधार पर वसीम, साहिल उर्फ टूल्ली निवासी श्रीराम कॉलोनी खजूरी दिल्ली और रिहान उर्फ पंडत निवासी कासिम विहार कॉलोनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
❗क्या है पूरी घटना?
पीड़ित रिहान, दिल्ली के राजीव विहार, गली नंबर 9 का निवासी था। पुलिस को उसका शव लोनी के इलायचीपुर गांव के जंगल में मंगलवार शाम मिला। शरीर पर चाकू से हमले के कई गहरे निशान थे।
⚠️ कत्ल की वजह — Instagram पर कमेंट!
रिहान अपने एक दोस्त वसीम की महिला मित्र की तस्वीरों पर बार-बार कमेंट और लाइक करता था। पहले इस बात पर विवाद हुआ और फिर मारपीट भी, लेकिन बाद में दोस्तों ने समझौता कर लिया था। बावजूद इसके रिहान नहीं रुका।
🧠 कैसे रची गई कत्ल की साजिश?
- वसीम, साहिल उर्फ टूल्ली और रिहान उर्फ पंडित – तीनों ने रिहान को ठिकाने लगाने की योजना बनाई।
- उसे घूमने के बहाने घर से बुलाया गया।
- सभी ने मिलकर एक ठेले से छोले-भटूरे खाए।
- इसके बाद रिहान को इलायचीपुर के जंगल में ले जाकर चाकू व छूरी से ताबड़तोड़ हमला किया।
पुलिस ने दोनों हथियार बरामद कर लिए हैं।
👮♂️ पुलिस की तफ्तीश और गिरफ्तारी
तीनों आरोपियों को कासिम विहार कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया गया है। एसीपी सिद्धार्थ गौतम के मुताबिक तीनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
🏠 रिहान का परिवार: टूट गया एक सपना
रिहान के पिता सगीर, सऊदी अरब में मैकेनिक हैं। बेटे की हत्या की खबर मिलते ही वे भारत लौटे और शव देखकर बेहोश हो गए। रिहान पढ़ाई छोड़कर एसी मैकेनिक का काम सीख रहा था।
“मुझे इंसाफ चाहिए, मेरे बेटे की हत्या की सजा सबसे कड़ी होनी चाहिए।” – सगीर (पिता)
📢 निष्कर्ष
यह घटना न सिर्फ सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल का खतरनाक उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि युवाओं में गुस्से की आग कितनी भयावह हो सकती है। छोटी-छोटी बातों पर जान ले लेना कहीं से भी सभ्य समाज का हिस्सा नहीं हो सकता।